Anti Paper Leak Law : केंद्र सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए लागू किया नया कानून, नोटिफिकेशन जारी

Anti Paper Leak Law : केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 21 जून से प्रभावी होगा। हालांकि यह अधिनियम 9 फरवरी, 2024 को संसद द्वारा पारित किया गया, लेकिन सरकार द्वारा इसे अधिसूचित नहीं किए जाने के कारण यह प्रभावी नहीं हुआ। शुक्रवार को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की।

उक्त अधिसूचना में कहा गया
“सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को उक्त अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी होने की तिथि निर्धारित करती है। अधिनियम में प्रश्न पत्र या आंसर की के लीक होने, सार्वजनिक परीक्षा में किसी भी तरह से अनधिकृत रूप से उम्मीदवार की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करने और कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ के लिए दंड का प्रावधान है। व्यक्तियों के अलावा, ऐसी गतिविधियों में शामिल संस्थान भी दंड के लिए उत्तरदायी हैं।

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गौरतलब है कि NEET-UG 2024 परीक्षा में पेपर लीक होने के बारे में व्यापक शिकायतों के बीच अधिसूचना जारी की गई। हाल ही में आयोजित UGC-NET परीक्षा को भी पेपर लीक के बाद रद्द कर दिया गया। हालांकि, अधिनियम 21 जून से पहले की घटनाओं पर पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा।

अधिनियम के अनुसार, “अनुचित साधनों” में शामिल हैं: (i) प्रश्न पत्र या आंसर की की अनधिकृत पहुंच या लीक होना, (ii) सार्वजनिक परीक्षा के दौरान उम्मीदवार की सहायता करना, (iii) कंप्यूटर नेटवर्क या संसाधनों से छेड़छाड़ करना, (iv) मेरिट सूची या रैंक को शॉर्टलिस्ट करने या अंतिम रूप देने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ करना, और (v) मौद्रिक लाभ के लिए फर्जी परीक्षा आयोजित करना, धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना।

10 साल की जेल की सजा
अधिनियम के तहत अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को कम से कम तीन वर्ष की अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकरण द्वारा परीक्षाओं के संचालन के लिए नियुक्त किए गए सेवा प्रदाता पर भी 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत भी उससे वसूल की जाएगी।

“सेवा प्रदाता” को किसी भी एजेंसी, संगठन, निकाय, व्यक्तियों के संघ, व्यावसायिक इकाई, कंपनी, साझेदारी या एकल स्वामित्व वाली फर्म के रूप में परिभाषित किया गया, जिसमें उसके सहयोगी, उप-ठेकेदार और किसी भी कंप्यूटर संसाधन या किसी भी सामग्री का समर्थन प्रदाता शामिल है, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, जिसे सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकरण द्वारा सार्वजनिक परीक्षा के संचालन के लिए नियुक्त किया जाता है। (Anti Paper Leak Law)

CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित
परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को संयुक्त वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) परीक्षा को रद्द कर दिया है. सीएसआईआर, यूजीसी नेट परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता निर्धारित करने और पीएचडी में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है. इससे दो दिन पहले एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी थी और कहा था कि परीक्षा की शुचिता से समझौता हुआ है. (Anti Paper Leak Law)

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